ओमप्रकाश दीपक का लेखन कल्पना का हिन्दी लेखन जगत
स्मरण : ओम प्रकाश दीपक
व्यक्तिगत आघात, जयप्रकाश नारायण, कलकत्ता, 28 मार्च 1975
श्री ओमप्रकाश दीपक मेरे लिए छोटे भाई की तरह प्रिय थे. बिहार आंदोलन के सिलसिले में हम दोनो एक दूसरे के करीब आये थे. बिहार के मेरे दौरों पर वह मेरे साथ घूमे थे और पटना में भी कई महीनों तक उन्होंने मेरी अमूल्य सहायता की थी. हिंदी और अंग्रेजी दोनो ही भाषाओं पर उनका समान अधिकार था. मेरे कई भाषणों का भावपूर्ण सारांश उन्होंने अंग्रेजी में प्रकाशित किया था. केवल पाँच दस मिनट चर्चा कर के बड़ी कुशलता से उन्होंने मेरे कई बयान तैयार किये थे. "एवरीमैन्स" के सहायक संपादक की हैसियत से बिहार आंदोलन की गतिविधियों तथा उसकी विचारधारा की सुंदर अभिव्यक्ति देश विदेश के पाठकों के लिए प्रति सप्ताह वह करते रहे थे.
लोहिया विचार मंच के तो वह एक सबल स्तम्भ थे. "वार्ता" के भी वैसे ही आधार थे.
दीपक जी के अकस्मात निधन से जो मुझे व्यक्तिगत आघात पहुँचा है वह तो मैं ही जानता हूँ. परंतु कई क्षेत्रों में उनके चले जाने से जो स्थान रिक्त हुआ है उसकी पूर्ती असम्भव है.
दीपकजी के शोक संतप्त परिवार को किन शब्दों में सांत्वना दूँ, समझ नहीं आता. इतना ही कहूँगा कि भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी पत्नी और बच्चों को बल दे कि वह इस अपार दुख को धैर्य से सहन कर सकें.