अर्चना वर्मा अर्चना वर्मा का लेखन
दुर्गाशक्ति के लिये
हे ईश्वर, उन्हें कभी माफ़ मत करना
वे जानते हैँ बखूबी, वे क्या कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है
लिखती फिर काट देती है कलम।
आदी हो जाने का लक्षण है
उदासीन हो जाने की वजह
कि होता ही रहता है बार बार
पहले भी हुआ था
आगे फिर होगा।
नहीं दुर्गा शक्ति नागपाल
तुम रोज़ रोज़ नहीं होती हो
नहीं होती हो बार बार
हो जाती हो कभी कभी
अगली बार के आश्वासन के लिये
कहा जा सकता है
बार- बार। शुक्र है।
हाँ, तुम एक अपवाद हो दुर्गा
तुम्हारे साथ जो किया जा रहा है
बेशक वह नियम है।
वे जानते हैं, बखूबी वे क्या कर रहे हैं।
बताता है सुबह का अख़बार
तारीख़ सात अगस्त दो हजार तेरह कि
अभियोग पत्र में उल्लंघन का ज़िक्र है,
लेकिन उस प्रशासकीय प्रक्रिया /प्रणाली/ पद्धति का नाम तक नहीं
जिसका उल्लंघन तुमने किया।
उनकी यही पद्धति/प्रक्रिया/प्रणाली है।
वे बताएँगे उल्लंघन हुआ, बताएँगे तुमने किया,
नहीं बताएँगे उल्लंघन किस नियम किस कानून का था
न बताना कोई उल्लंघन नहीँ उनके लिये।
किस्सा कोताह - यहाँ कादलपुर गाँव में
ग्रामसभा की ज़मीन पर दीवार थी
जाहिर है गैर कानूनी। लेकिन मस्जिद की थी।
ग्रामवासी गिरा चुके थे गैर कानूनी जानकर
खुद अपने हाथों। एक और भी दीवार गिराई
उन्होंने खुद अपने हाथों
भावात्मक आघात की राजनीति की
जिसे हवा देने का इल्जाम दर्ज है
दर्ज है इल्जाम
इतना साफ़, सफ़ेद, चमकीला, और
सरासर झूठ
कि देखते ही पहचान जाय बच्चा भी
इतना साफ़ सफ़ेद चमकीला और सरासर
तो सिर्फ़ झूठ हो सकता है।
तहसीलदार और वक्फ़ बोर्ड और
मौके पर मौजूद सच की गवाहियाँ
झूठ कर दी जायेंगी। 'वक्त आने दो
इंतजार करो', कहती है सरकार
सच सामने आएगा यानी उसकी मर्जी का
साक्ष्य जुटा लिया जायेगा।
सर्वशक्तिमान करुणानिधान की तर्ज पर
अखिलेश कितने मुलायम हो
बताएँगे, “ बच्चे ग़लती करते हैं। माँ बाप से दण्ड पाते हैं।
माई बाप है सरकार, दण्ड तो देती है
ग़लती नहीं बताती।
रेत के सौदागरों का भी जिक्र नहीं कोई
जिनके राजमहलों के रेत हो जाने मेँ
सर्वशक्तिमान करुणानिधान के
मन्सूबों की मिली थी रेत।
वे जानते हैं बखूबी वे क्या कर रहे हैं
फिर भी गैर-कानूनन माफ़ किये जाएँगे
गठबन्धन में रेत के अलावा भी सौदागर हैँ
और-और, ये उनके वे इनके काम आयेंगे।
तुम एक अपवाद हो दुर्गाशक्ति
तुम्हारे साथ जो हो रहा है
बेशक वह नियम है।
दुर्गाशक्ति तुम हो दुर्गाशक्ति
तुम्हारे पीछे जुटा है पूरा देश
हम सब, हम सब, हम सबके सब
ईश्वर की ईश्वर जाने
तुम कभी उन्हें माफ़ मत करना दुर्गाशक्ति
हम भी नहीं करेंगे।
दिल्ली 8 अगस्त 2013
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